सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र, सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् पाठ के फायदे

सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् पाठ के फायदे

सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् का पाठ करने से हम अपने आत्मिक विकास के मार्ग पर अग्रसर होते हैं और अपने जीवन को धर्म, नैतिकता, और उच्चतम मूल्यों के साथ जीने के लिए प्रेरित होते हैं। सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् का पाठ करने से हमें माँ दुर्गा के प्रति आदर और विश्वास की भावना मिलती है, जो हमें जीवन में सफलता की ओर ले जाती है।

इस प्रकार, सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् हमें आत्मिक उन्नति का मार्ग दिखाता है और हमें आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाता है। यह हमें अपने जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करता है। सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् का पाठ करके हम अपनी भगवान् के प्रति श्रद्धा को मजबूत करते हैं और अपने जीवन में धर्म, साहस, और सच्चाई का पालन करते हैं।

सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र से आता है सकारात्मक परिवर्तन

जब हम सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् का पाठ करते हैं, तो हमें आत्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है और हमारा मन शांत, संतुलित और प्रसन्न रहता है। माँ दुर्गा के पाठ को नियमित रूप से करने से हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है और हम स्वयं को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित होते हैं। सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् का पाठ करने से हमें ध्यान, शांति, और आत्म-संयम मिलता है। यह हमें अपने आत्मा के साथ जुड़ने और माँ दुर्गा की कृपा को प्राप्त करने में सहायक होता है।

माँ दुर्गा के प्रति विश्वास और आदर्श से सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् का नियमित जप करने से मानव जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है। यह पाठ अद्भुत आत्मिक शक्ति को जागृत करता है और साधक को माँ दुर्गा के आशीर्वाद से प्रेरित करता है। इस प्रकार, सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रयास है जो जीवन को धार्मिकता, शांति, और समृद्धि की ओर प्रेरित करता है। यह पाठ न केवल आत्मिक उन्नति को प्राप्त करने में मदद करता है, बल्कि व्यक्ति को भगवान् के प्रति श्रद्धा और भक्ति में भी मदद करता है।

धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन और सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् के पाठ

धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन और सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् के पाठ के माध्यम से हम अपनी आत्मा को प्रकाशित कर सकते हैं और अपने जीवन को धार्मिक दृष्टिकोण से समृद्ध कर सकते हैं। माँ दुर्गा की कृपा से हमें शक्ति, सहनशीलता, और समर्थता प्राप्त होती है, जो हमें जीवन की हर कठिनाई का सामना करने में मदद करती है।

सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् का नियमित पाठ करके हम अपनी आध्यात्मिकता को समृद्ध कर सकते हैं और माँ दुर्गा की कृपा को प्राप्त कर सकते हैं। इस पाठ को नियमित रूप से करने से हमें आत्मिक शांति, सुख, और सफलता मिलती है।

सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् का पाठ करने से  आता है ध्यान और समर्पण

सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् का पाठ करने से हमें ध्यान और समर्पण की भावना मिलती है। यह हमें सच्ची धार्मिकता की ओर ले जाता है और हमें अपने जीवन को धर्म और नैतिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। माँ दुर्गा के इस पाठ के जाप से हम आत्मा के उत्कृष्टतम गुणों को जागृत करते हैं और अपने जीवन को समृद्ध, सांत्वना और सफलता के साथ भर देते हैं।  इस प्रकार, सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् हमें आत्मा के साथ ही जीवन की सभी पहलुओं में सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा और शक्ति प्रदान करता है।

इस प्रकार, सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् हमें माँ दुर्गा की शक्ति, सामर्थ्य, और कृपा के अनुभव का अवसर प्रदान करता है। इसे नियमित रूप से जप करने से हमें आत्मिक ऊर्जा मिलती है और हमारा मन शांत, स्थिर और संतुलित रहता है। इस पाठ को नियमित रूप से करने से हम अपने आत्मा को संबलित करते हैं और अपने जीवन को समृद्ध, सफल और खुशहाल बनाने में सहायक होते हैं। माँ दुर्गा का पाठ हमें ध्यान, आत्मविश्वास, और शांति की प्राप्ति के माध्यम से आत्मिक उत्थान करता है।

सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ

सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ निम्नलिखित है:

1. या देवी सर्वभू‍तेषु माँ दुर्गा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

2. या देवी सर्वभू‍तेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

3. या देवी सर्वभू‍तेषु शांतिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

4. या देवी सर्वभू‍तेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

5. या देवी सर्वभू‍तेषु शांतिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

6. या देवी सर्वभू‍तेषु श्रुति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

7. या देवी सर्वभू‍तेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

 

जयंति मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते॥

सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

रूपं देवि जयंति मङ्गला दुर्गा क्रिया नमोऽस्तु ते॥

अन्य प्रार्थना और भक्ति के साथ, सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करने से माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम्

॥ अथ सप्तश्लोकी दुर्गा ॥
शिव उवाच:
देवि त्वं भक्तसुलभे सर्वकार्यविधायिनी ।
कलौ हि कार्यसिद्ध्यर्थमुपायं ब्रूहि यत्नतः ॥

देव्युवाच:
शृणु देव प्रवक्ष्यामि कलौ सर्वेष्टसाधनम् ।
मया तवैव स्नेहेनाप्यम्बास्तुतिः प्रकाश्यते ॥

विनियोग:
ॐ अस्य श्री दुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमन्त्रस्य नारायण ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वत्यो देवताः, श्रीदुर्गाप्रीत्यर्थं सप्तश्लोकीदुर्गापाठे विनियोगः ।

ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हिसा ।
बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति ॥1॥

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः
स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।
दारिद्र्‌यदुःखभयहारिणि त्वदन्या
सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता ॥2॥

सर्वमंगलमंगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते ॥3॥

शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तुते ॥4॥

सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते ।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तुते ॥5॥

रोगानशोषानपहंसि तुष्टा रूष्टा
तु कामान्‌ सकलानभीष्टान्‌ ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां
त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति ॥6॥

सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्र्वरि ।
एवमेव त्वया कार्यमस्यद्वैरिविनाशनम्‌ ॥7॥

॥ इति श्रीसप्तश्लोकी दुर्गा संपूर्णम्‌ ॥

FAQs”

क्या सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है?

हां, सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है। यह अपने अध्ययन और ध्यान के लिए उपयुक्त है।

क्या सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र को संगीत के साथ पाठ किया जा सकता है?

हां, बहुत से लोग सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र को संगीत के साथ पाठ करते हैं। यह उन्हें आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्रदान करता है।

सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र का पाठ किस भाषा में किया जाता है?

सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र का पाठ हिंदी भाषा में किया जाता है, लेकिन यह अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध है।

क्या सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र का पाठ करने से कोई विशेष लाभ होता है?

हां, सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र का पाठ करने से आत्मिक उन्नति, मानसिक शांति, और जीवन में समृद्धि की प्राप्ति होती है।