महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् देवी दुर्गा की महिमा का गुणगान करता एक प्रसिद्ध स्तोत्र है, जिसकी रचना आदि शंकराचार्य ने की थी। यह स्तोत्र देवी के महिषासुर पर विजय की गाथा को दर्शाता है और शक्ति, भक्ति तथा साहस का प्रतीक है। संस्कृत में रचित इस स्तोत्र में देवी की विभिन्न लीलाओं, स्वरूपों और उनके दैवीय गुणों का सुंदर वर्णन मिलता है। यह पाठ साधकों को शक्ति, रक्षा और आत्मबल प्रदान करता है।