ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जो विशेष रूप से कर्ज से मुक्ति, आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने और धन-समृद्धि की प्राप्ति के लिए पढ़ा जाता है। यह स्तोत्र भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें विघ्नहर्ता और मंगलमूर्ति कहा जाता है। “ऋणहर्ता” का अर्थ है—ऋण को हरने वाला। जो व्यक्ति इस स्तोत्र का नियमित, श्रद्धा और विश्वास के साथ पाठ करता है, उसे कर्ज से मुक्ति मिलती है और आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती है।
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पाठ की विधि और लाभ:
यह स्तोत्र प्रत्येक मंगलवार और बुधवार को विशेष फलदायक होता है।
प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ स्थान पर गणेश जी के सामने दीपक जलाकर इसका पाठ करना चाहिए।
नियमित 21, 31 या 51 दिन पाठ करने से चमत्कारिक परिणाम देखने को मिलते हैं।
सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र, सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् पाठ के फायदे
विशेष निर्देश:
पाठ करते समय मन में श्रद्धा और विश्वास बनाए रखें।
भगवान गणेश को दूर्वा, मोदक और लाल पुष्प अर्पित करना उत्तम होता है।
मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त होती है।
रामरक्षा स्तोत्र का संपूर्ण पाठ, पाठ करने की विधि
ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र
ध्यान
ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम्।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम्।।
।।मूल-पाठ।।
सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।1
त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।2
हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।3
महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।4
तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।5
भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।6
शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।7
पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।8
इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित:।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत्।।
प्रमुख हिंदी स्तोत्र | ||
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FAQs”
ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र क्या है?
ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र एक पवित्र मंत्र है जो भगवान गणेश की स्तुति करता है। इसका नियमित पाठ करने से कर्ज, आर्थिक परेशानियों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
इस स्तोत्र का पाठ किस दिन करना सबसे शुभ होता है?
इस स्तोत्र का पाठ मंगलवार और बुधवार को करना विशेष फलदायक माना जाता है, हालांकि श्रद्धा के साथ इसे किसी भी दिन पढ़ा जा सकता है।
ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें, भगवान गणेश के चित्र या मूर्ति के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाकर श्रद्धा से स्तोत्र का पाठ करें।
कितने दिनों तक इसका पाठ करना चाहिए?
आप इसे 21, 31 या 51 दिनों तक लगातार पढ़ सकते हैं। कुछ लोग पूर्ण रूप से ऋणमुक्ति तक इसका नियमित पाठ करते हैं।
क्या इस स्तोत्र से वास्तव में कर्ज से छुटकारा मिलता है?
जी हाँ, अनेक भक्तों के अनुभव के अनुसार, इस स्तोत्र के नियमित और श्रद्धापूर्वक पाठ से उन्हें कर्ज और आर्थिक परेशानियों से राहत मिली है।