“शिव रक्षा स्तोत्र” एक पवित्र और शक्तिशाली स्तोत्र है जिसकी रचना ऋषि याज्ञवल्क्य ने भगवान शिव की कृपा से की थी। यह स्तोत्र भक्त को जीवन के संकटों, शारीरिक और मानसिक कष्टों, तथा नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें भगवान शिव के विभिन्न रूपों का आवाहन कर शरीर के प्रत्येक अंग की रक्षा की प्रार्थना की जाती है। नियमित पाठ से आत्मबल, मानसिक शांति और आध्यात्मिक जागरण प्राप्त होता है। यह लेख आपको शिव रक्षा स्तोत्र का महत्व, पाठ विधि, लाभ, और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के साथ संपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।