शिव तांडव स्त्रोत : महाशिवरात्रि एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जिसे हम हर साल मनाते हैं। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और हम उन्हें अपनी पूजा और भक्ति से याद करते हैं। महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर, शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने का एक विशेष महत्व है। इसका उपाय भोलेनाथ के आशीर्वाद से सभी कष्टों को दूर कर सकता है।
शिव तांडव स्तोत्र का महत्व
मान्यता है कि जब भगवान रावण ने कैलाश पर्वत का विशेष स्थान और भगवान शिव का ध्यान किया, तो उन्होंने एक शिव तांडव स्तोत्र रचा। यह स्तोत्र उनकी अत्यधिक भक्ति का परिणाम था और उसने उन्हें परम आनंद में ले लिया। इस स्तोत्र को पढ़ने से शिव की कृपा प्राप्ति होती है और सभी कष्टों का समाधान होता है।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि हिन्दू पंचांग में बहुत ही महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह पर्व भगवान शिव के समर्पित होता है और भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन भक्त शिव की पूजा, अर्चना, और विशेषत: शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करते हैं।
कौन हैं भोलेनाथ?
भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है। वे प्रेम का देवता हैं और उनके भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। उनकी पूजा से भक्तों के जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
शिवरात्रि पर भोलेनाथ की पूजा का उपाय
महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की पूजा का उपाय यह है कि व्यक्ति को पहले अपने मन को शांत करना चाहिए। फिर उन्हें ध्यान में जाना चाहिए और भगवान शिव को प्रणाम करना चाहिए। उसके बाद, शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करके भगवान शिव की कृपा का अनुरोध करना चाहिए।
भगवान शिव के ध्यान का महत्व
भगवान शिव के ध्यान का महत्व अत्यंत उच्च है। उनकी ध्यान में जाने से व्यक्ति को शांति और सुख की प्राप्ति होती है।
शिव तांडव स्तोत्र का अर्थ
शिव तांडव स्तोत्र एक विशेष मंत्र है जो भगवान शिव की महिमा का गान करता है। इसका पाठ करने से शिव की कृपा प्राप्ति होती है और सभी कष्टों का समाधान होता है। इसके पाठ से व्यक्ति का मन शांत होता है और उसका आत्मा पवित्र होता है।
शिव तांडव स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने के लिए, व्यक्ति को पहले अपने मन को शांत करना चाहिए। फिर उन्हें ध्यान में जाना चाहिए और स्तोत्र का पाठ करते हुए भगवान शिव को समर्पित करना चाहिए।
शिव तांडव स्त्रोत के लाभ
शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है। इसके अलावा, यह उनके जीवन में सुख और समृद्धि लाता है।
शिव भक्ति का महत्व
शिव भक्ति का महत्व अत्यंत उच्च है। भगवान शिव के प्रति श्रद्धा रखने वाले व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में कष्ट और दुःख का सामना नहीं करते हैं।
शिव तांडव स्त्रोत मन्त्रों का शक्तिशाली प्रभाव
मन्त्रों का पाठ करने से मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है। इन मन्त्रों का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्ति होती है और सभी कष्टों का निवारण होता है।
शिव तांडव स्तोत्र का विशेष महत्व
शिव तांडव स्तोत्र का विशेष महत्व है। इसका पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है और उसका जीवन समृद्धि से भरा होता है।
मन को शांति और स्थिरता प्रदान करने के लिए करें शिव तांडव स्त्रोत
शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से मन को शांति और स्थिरता मिलती है। इसके अलावा, यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है और उसे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद करता है।
शिव तांडव स्त्रोत सभी कष्टों को दूर करने का उपाय
शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से सभी कष्टों का निवारण होता है और व्यक्ति का जीवन सुखमय हो जाता है।
शिव तांडव स्तोत्र का आध्यात्मिक महत्व
शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति मिलती है और उसका जीवन समृद्धि से भरा होता है।
शिव तांडव स्तोत्र
जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं
चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥॥
जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी
विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ।
धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके
किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥॥
धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुर
स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ।
कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि
क्वचिद्दिगम्बरे(क्वचिच्चिदम्बरे) मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥॥
जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा
कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।
मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे
मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥॥
सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर
प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः ।
भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक
श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥॥
ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा
निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् ।
सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं
महाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ॥॥
करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल
द्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके ।
धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥॥
नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत्
कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः ।
निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः
कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥॥
प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभा
वलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम् ।
स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांधकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे ॥॥
अगर्व सर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरी
रसप्रवाहमाधुरी विजृम्भणामधुव्रतम् ।
स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं
गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ॥॥
जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वस
द्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् ।
धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल
ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः ॥॥
दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्
गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।
तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः
समं प्रव्रितिक: कदा सदाशिवं भजाम्यहम ॥॥
कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन्
विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् ।
विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः
शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ॥॥
निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-
निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।
तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं
परिश्रय परं पदं तदङ्गजत्विषां चयः ॥॥
प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी
महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।
विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः
शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् ॥॥
इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं
पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् ।
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं
विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् ॥॥
पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं
यः शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे ।
तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां
लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शम्भुः ॥॥
इति श्रीरावण कृतम्
शिव ताण्डव स्तोत्र संपूर्णम
महाशिवरात्रि पर शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान शिव की कृपा से सभी कष्टों का समाधान होता है और उनके आशीर्वाद से हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।
FAQs”
Q.1 : महाशिवरात्रि पर शिव तांडव स्तोत्र का पाठ कितनी बार करें?
Ans. शिव तांडव स्तोत्र का पाठ कम से कम एक बार करना चाहिए, लेकिन यदि संभव हो तो उसे तीन बार पाठ करना अधिक फलदायी होता है।
Q.2: क्या शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से हर तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं?
Ans. हां, शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से सभी प्रकार के कष्टों का समाधान होता है।
Q.3: क्या महाशिवरात्रि पर केवल शिव तांडव स्तोत्र का पाठ ही काफी है?
Ans. नहीं, अत्यंत प्रभावशाली होता है। साथ ही, भक्तों को शिव की पूजा और ध्यान में भी लगना चाहिए।
Q.4: क्या शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से किसी को अन्याय से मुक्ति मिलती है?
Ans. हां, शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से किसी को अन्याय से मुक्ति मिलती है और उसका जीवन उत्तम बनता है।
Q.5: क्या भगवान शिव का ध्यान करने से केवल शारीरिक रोगों का ही निवारण होता है?
Ans. नहीं, भगवान शिव का ध्यान करने से मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक रोगों का समाधान होता है।